आर्गेनिक फूड सहत के लिए अच्छा

 



आर्गेनिक फूड सहत के लिए अच्छा लिए या समय से पहले पकाने के लिए सब्जियों में एंटी आक्सिडेंट्स होने के कारण


 सेहत के प्रति जागरूक लोग अब आर्गेनिक फूड की ओर अपना झुकाव बढ़ा रहे हैंआर्गेनिक फूड वह फूड है जो केमिकल फ्री होता है। इन्हें पैदा करने के लिए किसी तरह की रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं होता। इसे आम भाषा में जैविक खेती कहा जाता है।


  लिए या समय से पहले पकाने के लिए किसी भी तरह के कैमिकल प्रयोग में नहीं लाए जाते जबकि इनकी शक्ल और रंग के आधार पर इनकी पहचान करना मुश्किल होता है। बस इनके खाद्य पदार्थ स्वाद में थोड़ा अलग होते हैं, सब्जियां पकाने में समय कम लगता है और मसालों की गंध तेज होती है।


आर्गेनिक फूड की विशेषताएं: - - आर्गेनिक फूडस जहरीले तत्वों से तक सुरक्षित होते हैं क्योंकि इनमें कैमिकल्स और पौष्टिक सुरक्षित होते हैं क्यों विषैली दवाओं का प्रयोग नहीं किया जाता। इसके कारण हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है और बीमारियों का खतरा कम रहता है।


वजन - आजकल छोटी छोटी बीमारियों में सेस एंटीबायोटिक देने का प्रचलन अधिक है। किया उन दवाओं के सेवन के साथ हम बाजार में पारंपरिक उपलब्ध सब्जियों और फलों का कौन सेवन करते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक उपलब्ध शक्ति को कमजोर करता है। अगर हम आर्गेनिक फूडस का सेवन करें तो हम इस होती समस्या से बच सकते ह


- आर्गेनिक खेती से उपजाए फल और सब्जियों में एंटी आक्सिडेंट्स होने के कारण इनमें पोषक तत्व बरकरार रहते हैं जो हमारी सेहत हेतु अच्छे हैं।


- आर्गेनिक खेती की मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है क्योंकि इनकी खेती तब की जाती है जब इनके खेतों को दो साल तक खाली छोड़ा जाता है ताकि पेस्टिसाइड्स का प्रभाव खत्म हो सके।


- पारंपरिक सब्जियों और फलों से आर्गेनिक सब्जी और फल 10 से 50 प्रतिशत तक अधिक पौष्टिक होते हैं। इनमें मौजूद पौष्टिक तत्व हमें कई खतरनाक बीमारियों से बचाते हैं।


- आर्गेनिक फूड के नियमित सेवन से वजन नियंत्रण में रहता है क्योंकि इनको प्रा. सेस करने में सैचुरेटड फैट्स का प्रयोग नहीं किया जाता।


कौन से आर्गेनिक फूड आइटम ज्यादा उपलब्ध हैं:  - मौसमी फल सब्जियों की मांग अधिक होती है जैसे तरबूज, खरबूजा, टिंडा, तोरीलौकी, आम आदि। इनके अतिरिक्त शहददालें, मसाले, चावल, आटा, ग्रीन टी, हर्स


नारियल तेल और आलिव ऑयल आदि। ध्यान दें जिन चीजों पर नेचरल या फार्म फ्रेश लिखा हो, जरूरी नहीं कि वे आर्गेनिक ही हों। ये प्रिजर्वेटिव फ्री तो हो सकते हैं पर इनमें पेस्टिसाइड का प्रयोग किया हो सकता है। डीडीटी जैसे पेस्टिसाइडस कई वर्ष तक हवा और मिट्टी में रहते हैं जो हमारे नर्वस सिस्टम खराब होने और कैंसर की वजह बनते हैं। आर्गेनिक फूडस पारंपरिक फूडस से 40 से 50 प्रतिशत तक अधिक महंगे होते हैं। प्याज, भुट्टा, नारियल, शकरकंद, मटरअनन्नास जैसे फूड आइटम्स को आर्गेनिक खरीदने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इनके छिलके मोटे होते हैं। इन पर पेस्टिसाइड्स का प्रभाव कम होता है। इनको नॉर्मल भी खा सकते हैं।


पारंपरिक फूड आइटम्स को सावधानी बरतते हुए खाया जा सकता है :बरतते हुए खाया जा सकता है : - मौसमी फल और सब्जियां ताजी खरीदें। काटने से पूर्व अच्छे से मल मल कर धोएं और आधा घंटा पूर्व साबुत फल और सब्जी पानी में डाल दें।


- - दालें बहते पानी में धोएं। अगर भिगो कर रख रहे हैं तो पानी फेंक दें। नए पानी में सब्जी और दाल पकाएं।


- 1 चम्मच नमक मिले पानी में फल और सब्जियों को आधा घंटा भिगो कर रखें। - पोटेशियम परमैगनेंट 1 लीटर पानी में 1 मिली डालकर घोल बनाएं पत्तेदार सब्जियों को 15 मिनट तक उसमें भिगो कर रखें। पुनः धोकर बनाएं।


आर्गेनिक फूडस को अपनी डाइट का अंग बनाएं:फूडस को हम एक ही बार


आर्गेनिक फूडस को हम एक ही बार में अपनी डाइट का अंग नहीं बना सकते क्योंकि स्वाद भिन्न होता है। धीरे धीरे इसे बढ़ा कर अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाएं। 


- पालिश्ड चावल के स्थान पर रेड, ब्राउन या बिना पालिश वाला चावल सप्ताह में एक बार से प्रारंभ कर धीरे धीरे बढ़ाएं।


- पालक, मेथी, चौलाई, पुदीना, धनियाआदि से शुरूआत करें।


- सफेद चीनी के स्थान पर गुड, शक्कर या खांड का प्रयोग करें।


- आर्गेनिक साबुन, लोशन और टूथपेस्ट का प्रयोग करें।