शक्कर जब बन जाये जहर

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   _शक्कर अर्थात् सफेद चीनी शरीर के लिए निहायत व्यर्थ वस्तु है किंतु दिखने में आकर्षक एवं स्वाद में मिठास से भरपूर इस वस्तु के बिना अब जीवन चर्या एवं खानपान सब अपर्ण है। इसके बिना कई वस्तुओं के स्वाद की कल्पना नहीं की जा सकती इसका अभाव कई खाद्य पदार्थों को बदमजा कर सकता है।


___सबके लिए महत्त्वपूर्ण बन गई इस वस्तु शक्कर में विटामिन, खनिज और पौष्टिकता बिलकुल नहीं के बराबर हैइसमें मात्र कैलोरी अर्थात् ऊर्जा विद्यमान है। शक्कर जिसे रिफाइंड चीनी भी कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत नुक्सान दायक है। यह मीठा जहर सिद्ध हो रहा हैमधुमेह एवं मोटापा को नियंत्रित करने वालों की सबसे पहले इसे त्यागने अथवा अत्यंत न्यून मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी जाती है। शक्कर को त्यागने से बढ़ता वजन एवं बढ़ा हुआ डायबिटीज नियंत्रित हो सकता है।


शक्कर छोड़ने पर जब शरीर करता है विदोह       वजन, मोटापा, मधुमेह, अस्थि, अंगरता आदि को काबू में पाने कोई व्यक्ति जब शक्कर को पूर्ण त्यागता है तो उसका शरीर किसी नशेड़ी की भांति विद्रोह, विकृति एवं लक्षण प्रकट करता है। हमारी जीवन शैली में रच बस चकी इस शक्कर के बिना खानपान का स्वाद अधूरा है। इसे जब पूर्ण त्यागते हैं तब नशे को त्यागने जैसे यह भी शरीर में दर्द, सिरदर्द, अवसाद, मानसिक अस्थिरता एवं छटपटाहट आदि जैसी स्थिति लाता है। नार्कोटिक ड्रग्स को छोड़ने वाला भी इसी विकृत स्थिति से गुजरता है। जो इसे झेल जाता है, वह शक्कर भी त्याग सकता है और कोई भी नार्कोटिक ड्रग्स भी त्याग सकता है।


शक्कर/चीनी की विशेषता       शक्कर अर्थात रिफाइंड चीनी गन्नेकारखानों में रासायनिक विधि द्वारा बनाई जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा है। इसके जैसी मिठास हमें गन्ने में मिलती है। फ्रक्टोस शुगर फल व शहद में तथा लैक्टोस शुगर दूध में विद्यमान रहती है। ये भी खाने पर मिठास देते हैं पर कोई भी शक्कर का स्थान नहीं ले सकते।


चीनी की भूमिका खाद्य पदार्थों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह रंग, स्वाद तो प्रदान करता ही है, साथ ही प्रिजर्वेटिव का काम करती है। पुडिंग आदि की रंगत शक्कर ही बढ़ाती है। मैदे व अंडे में शक्कर मिलाने पर केक बनता है। यह सभी मिठाइयों को टिकाऊ बनाती है।


शक्कर सेहत तबाह करती है    सब जगह शक्कर का उपयोग होता है। मिठाई से लेकर होटल के सभी भोज्य पदार्थों में यह उपयोग होता है। दाल, ग्रेवी, कढ़ी का स्वाद यही बढ़ाती है। कोल्ड ड्रिंक्स में शक्कर विद्यमान रहती है। आइस्क्रीम एवं साफ्ट ड्रिंक्स में इसकी मात्रा सर्वाधिक रहती है। उपरोक्त किसी भी वस्तु का अधिक उपयोग करने पर शरीर में अनावश्यक वस्तु शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है जो हानिक. रिक एवं कई बीमारियों की जनक है।


   + यह वजन व मोटापे को बढ़ाती है+


     यह हानिकारक कोलेस्ट्रोल वट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाती है।


     यह मधुमेह को बढ़ाती है।


     यह मधुमेह को बढ़ाती है।


     यह हड्डियों को खोखला कर उन्हें कमजोर कर देती है।


     यह मिरगी के रोगी की परेशानीबढ़ाती है।


    इससे कोशिकाएं लचक खो कर कड़ी हो जाती हैं


    प्रोस्टेट कैंसर को यह बढ़ाती है।


    यह दांतों को रूग्ण व कमजोर करती है।


    यह शरीर में खुजली, एग्जीमा पैदा करती है।


    महिलाओं की माहवारी इससेपीड़ादायक हो जाती है।


    यह अल्जाइमर जैसी बीमारी की जनक मानी जाती है।  


     यह बच्चों को अस्थिर व चिड़चिड़ा बनाती है।


     यह पाचन तंत्र को प्रभावित करती


   + यह जल्द बुढ़ापा व झुर्रियां लाती है।


    सर्वाधिक खतरनाक  खतरनाक सभी साफ्ट ड्रिंक्स एवं आइस्क्रीम, केकपेस्ट्री में शक्कर की मात्रा सर्वाधिक है जिनसे रोग व जान का खतरा सर्वाधिक है। इसमें शक्कर किसी भी रूप में उपयोग की गई हो, सदैव नुकसानदायक है। शक्कर बाराक दाना, माटा दाना, भूरा व सफद र में मिलती है। शक्कर की तुलना में गुड़, गन्ना रस शहद, ताजे व सूखे फल सभी लाभदायी गुणों से भरपूर हैं। ये स्वास्थ्य रक्षक हैं।